Friday, November 22, 2013

क्या मिला संघर्ष से...??



कितने वर्षों से जुड़ी हूँ 
अपने इस संघर्ष से. 
छू भी ना पाया, जो था चाहा 
क्या हुआ, उद्देश्य से ? 

खुद की ही,खुद से लड़ाई 
जीत हो या हार हो. 
क्या पड़ेगा, फ़र्क अब? 
कोई भी कारागार हो !! 

मेरे होने का क्या मतलब, 
अब तलक, जाना नहीं ! 
नगमों का हर, लफ्ज़ साथी 
कोई भी ज़ुर्माना नहीं ! 

आज अपने युद्ध से ही, 
हो रही हूँ, मैं अलग ! 
ना पूछना, ऐ 'ज़िंदग़ी'अब 
क्यूँ,हो रही हूँ, विलग!! 

 प्रीति'अज्ञात'

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