Saturday, March 2, 2013

'Ek Maut'


बच्चों की नन्ही उम्मीदें अब 
टूटे सपने सा गिरती हैं.... 
भाई की खुशनुमा यादें भी 
कितनी उदास करती है..... 
बहिनों के दिलों में, उम्र भर की 
टीस बन दरकती है........ 
दोस्तों के संग की हँसी 
मायूस सी मुस्कान में बदलती है.. 
हमसफ़र की बेबसी, 
उसकी सूनी आँखें बयाँ करती हैं... 
ना मिल पाने की कसक 
उन दिलों को कितना ख़टकती है... 
उसकी यादें अब , हमारा दिल 
शमशान कर देती हैं....... 
एक 'मौत' कितने ही रिश्ते 
'अनाथ' करती है..........!!!!! 
 
प्रीति 'अज्ञात'

.. प्यार के मायने....

प्यार के मायने.... 
 
'प्यार' इक शब्‍द ही रह गया अब तो, 
यूँ ही बदनाम हुआ करता है. 
अब तो हर लम्हा, हर मोड़ पे अक़सर 
देखो, इसका अपमान हुआ करता है ....!! 
 
इक वक़्त था, जब ये 
उम्र भर का वादा था. 
ये वो बंधन था, जिसपे विश्वास 
सबसे ज़्यादा था .......!! 
 
आज के दौर में 
मौसम सा ये बदलता है. 
कभी है साथ तुम्हारे 
कभी मचलता है.......!! 
 
ना भावनाओं की कीमत रही 
ना ही दिल से जुड़ा है कोई. 
एक 'सुविधा' सी बन गया है 
इस्तेमाल हुआ करता है.....!!! 
 
प्रीति 'अज्ञात'