Friday, September 20, 2013

Abhi Baaqi Hai......

अभी बाक़ी है......

दिल के कुछ जज़्बात अभी बाक़ी हैं

जी ले कुछ देर, क़ायनात अभी बाक़ी है
घट रहीं साँसें, पर उम्मीदें फिर भी ज़िंदा रहीं
मुरझाए फूलों में वो बात अभी बाक़ी है.

तमाम ख़ुशियाँ अब तरसीं, तेरी नज़र के लिए

चंद लम्हात ठहर गये हैं, उम्र भर के लिए
है दिल उदास मगर अश्क़, जुदा होते नहीं
थमी जो बरसों से 'बरसात' अभी बाक़ी है.

यूँ ग़मजदा से कूछ मायूस और ख़फ़ा हम हैं

हर मुस्कान के पीछे बिलखती 'शब' नम है
थकी हैं राहें, 'हादसा-ए-मौत' होगा कहीं
मगर 'ए-ज़िंदगी' तुझसे मुलाक़ात अभी बाक़ी है.
प्रीति 'अज्ञात'

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