एक घना जंगल
यहाँ जानवरों की आवाजाही
पूर्णत: वैध है
चोरी से परखते
नापते-तौलते
घात लगाते पशु
अचानक टूट पड़ते हैं
अपने-अपने शिकार पर
लेते हैं आनंद
लहू से लिपटे उस
माँस के लोथड़े और
निरीह चीखों का
दिखाई देते हैं
इस दृश्य से सहमे
पेड़ पर चढ़े हुए
टहनियों से लटके
झाड़ियों में दुबके
कुछ छोटे जीव-जंतु
सुनाई देती है
बीच में कहीं-कहीं
सियारों के हूकने की आवाज
जो हर पलटती गुर्राहट के साथ
डूबती चली जाती है
आँख खुलती है
मैं खुद को
अपने देश में पाती हूँ!
- प्रीति 'अज्ञात'
Pic : Google
यहाँ जानवरों की आवाजाही
पूर्णत: वैध है
चोरी से परखते
नापते-तौलते
घात लगाते पशु
अचानक टूट पड़ते हैं
अपने-अपने शिकार पर
लेते हैं आनंद
लहू से लिपटे उस
माँस के लोथड़े और
निरीह चीखों का
दिखाई देते हैं
इस दृश्य से सहमे
पेड़ पर चढ़े हुए
टहनियों से लटके
झाड़ियों में दुबके
कुछ छोटे जीव-जंतु
सुनाई देती है
बीच में कहीं-कहीं
सियारों के हूकने की आवाज
जो हर पलटती गुर्राहट के साथ
डूबती चली जाती है
आँख खुलती है
मैं खुद को
अपने देश में पाती हूँ!
- प्रीति 'अज्ञात'
Pic : Google
बहुत खूब keep it up
ReplyDelete