कवि के चले जाने के बाद
शेष रह जाते हैं उसके शब्द
मन के किसी कोने को कुरेदते हुए
चिंघाड़ती हैं भावनाएँ
कवि की बातें, मुलाक़ातें
और उससे जुड़े किस्से
शब्द बन भटकते हैं इधर-उधर
जैसे पुष्प के मुरझाने पर
झुककर उदास हो जाता है वृन्त
जैसे उमस भर-भर मौसम
घोंटता है बादलों का गला
जैसे प्रिय खिलौने के टूट जाने पर
रूठ जाता है बच्चा
या कि बेटे के शहर चले जाने पर
गाँव में झुँझलाती फिरती है माँ
वैसे ही हाल में होते हैं
कुछ बचे हुए लोग
पर जैसे थकाहारा सूरज
साँझ ढले उतर जाता है नदी में
एक दिन अचानक वैसे ही
चला जाता है कवि भी
हाँ, उसके शब्द नहीं मरते कभी
वे जीवित हो उठते हैं प्रतिदिन
खिलती अरुणिमा की तरह
- प्रीति 'अज्ञात'
(Image: Gavin Trafford)
शेष रह जाते हैं उसके शब्द
मन के किसी कोने को कुरेदते हुए
चिंघाड़ती हैं भावनाएँ
कवि की बातें, मुलाक़ातें
और उससे जुड़े किस्से
शब्द बन भटकते हैं इधर-उधर
जैसे पुष्प के मुरझाने पर
झुककर उदास हो जाता है वृन्त
जैसे उमस भर-भर मौसम
घोंटता है बादलों का गला
जैसे प्रिय खिलौने के टूट जाने पर
रूठ जाता है बच्चा
या कि बेटे के शहर चले जाने पर
गाँव में झुँझलाती फिरती है माँ
वैसे ही हाल में होते हैं
कुछ बचे हुए लोग
पर जैसे थकाहारा सूरज
साँझ ढले उतर जाता है नदी में
एक दिन अचानक वैसे ही
चला जाता है कवि भी
हाँ, उसके शब्द नहीं मरते कभी
वे जीवित हो उठते हैं प्रतिदिन
खिलती अरुणिमा की तरह
- प्रीति 'अज्ञात'
(Image: Gavin Trafford)
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार २१ सितंबर २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
आभार, श्वेता जी
Deleteसभी तुलनाएं अतुलनीय हैं.
ReplyDeleteकवि का शरीर गायब हो जाता है लेकिन आत्मा उसके शब्दों में विराजमान रहती है तभी तो किसी कवि के चले जाने के बाद उसकी कविताएँ ज्यादा प्रसिद्धि पाती है.
आत्मसात
बहुत-बहुत धन्यवाद
Deleteकवि के चले जाने के बाद
ReplyDeleteशेष रह जाते हैं उसके शब्द
मन के किसी कोने को कुरेदते हुए
चिंघाड़ती हैं भावनाएँ
.
अनुपम अभिव्यक्ति आदरणीया, हृदय को अधीर करती रचना👌👌👌👏👏👏
धन्यवाद, अमित जी
Deleteचला जाता है कवि भी
ReplyDeleteहाँ, उसके शब्द नहीं मरते कभी
वे जीवित हो उठते हैं प्रतिदिन
खिलती अरुणिमा की तरह
वाह बहुत सुंदर भावों से सजी बेहतरीन रचना
शुक्रिया, अनुराधा जी
Deleteसुन्दर भाव
ReplyDeleteधन्यवाद, सर
Deleteइन्सान चला जाता है लेकिन उसके अच्छे-बुरे कर्म यहीं रह जाते हैं, जो जीवित रहते हैं
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना
धन्यवाद, कविता जी
Deleteकवि की कविताएं कवि के मर जाने के बाद भी यहाँ जीवित रहती हैं ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
हार्दिक आभार
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThank you so much!
Deleteधन्यवाद, शिवम् जी
ReplyDelete