ना हंसते हैं , ना गाते हैं
ना पहले सा मुस्काते हैं
कुछ गुमसुम से हो जाते हैं.
वो मेसेज पे लाल बत्ती का
नंबरों के साथ आना-जाना
वो नाम के आगे हरी बत्ती देख,
धड़कनों का तेज हो जाना.
वो यू-ट्यूब से गीतों को चुराना
और उन्हे यूँ ही गुनगुनाना
वो लाइक्स के बढ़ जाने की गुहार,
पोस्ट शेअर होते ही, जोरों से खिलखिलाना.
वो emoticons के बदलते चेहरे
वो कमेंट्स, कुछ हल्के,कुछ गहरे
वो ब्लॉक होने पर,दिल में छाई उदासी
वो silly updates,जब विंडो पे लगे पहरे.
बेवज़ह की बेचैनी,जब req accept कम हों
वो दोस्तों को जताना,चाहे एक पैसे का ग़म हो
वो offline रहके, किसी और संग बतियाना,
वो उनका bye कहे बिना ही, log out कर जाना.
उफ्फ ! बहुत मिस कर रहे हैं, वो आज
अरे ! कोई तो सुन लो, इस टूटते दिल की आवाज़
हाँ, वो बेचैन हैं ,हाँ, वो ख़फा हैं
जी रहे हैं, बेशक़, पर साँसें,खुद से जुदा हैं.
या खुदा ! कह दो ना ! इस सच को ज़माने से
कुछ भी लुत्फ़ नहीं, अब उसको आज़माने से
कैसे कह दूं, इस दुखदायी पल में
आग सी लगती है, भावनाओं की हलचल में.
वो बेईमान नहीं
बेरहम भी नहीं
और ना ही, बे-मुरव्वत है....
हाँ-हाँ, कल से वो कुछ ज़्यादा ही upset हैं
जीवन में कुछ ना रहा, जबसे हुए बे-NET हैं !!!
प्रीति 'अज्ञात'
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