पेड़ गिरा कें बिल्डिंग बन गईं
खाट झुपड़ियाँ संग उखड़ गईं सांस घुटे ल्यो घामऊ बढ़ गई
जे का भओ?
मोए का पतो...
दो थे कमरा आठ जना जब
संग रहत थे खात-मिलत तब
चील बिलैया लड़त फिरें अब
दो थे कमरा आठ जना जब
संग रहत थे खात-मिलत तब
चील बिलैया लड़त फिरें अब
जे का है गओ?
मोए का पतो....
मौड़िन के सब पैर छुअत थे
नाम पे बिनके खूब भिड़त थे
लछमी घर की प्रेम करत थे
ओ मैया! अब का भओ?
मौड़िन के सब पैर छुअत थे
नाम पे बिनके खूब भिड़त थे
लछमी घर की प्रेम करत थे
ओ मैया! अब का भओ?
मोए का पतो.....
चैये पैसा, पर काम न कत्त
पढ़ें न लिक्खें, हाथ में लट्ठ
देस का नाम तो है गओ सट्ट
जे का है गओ?
चैये पैसा, पर काम न कत्त
पढ़ें न लिक्खें, हाथ में लट्ठ
देस का नाम तो है गओ सट्ट
जे का है गओ?
मोए का पतो.....
देस इकट्ठो पैले भओ थो
अंग्रेजन नों कूट दओ थो
बाके बाद धरम उग गओ थो
जे काय उग गओ?
देस इकट्ठो पैले भओ थो
अंग्रेजन नों कूट दओ थो
बाके बाद धरम उग गओ थो
जे काय उग गओ?
मोए का पतो....
जितऊँ चिताओ आग बरत है
जात -पात की हवा चलत है
जान की नेकऊ ना कीमत है
जे का कद्दओ?
जितऊँ चिताओ आग बरत है
जात -पात की हवा चलत है
जान की नेकऊ ना कीमत है
जे का कद्दओ?
मोए का पतो....
का खावेंगे का पीवेंगे
छाती पीट पछाड़ें लेंगें
ओ दैया, फिर का होएगो?
मोए का पतो....
मोए का पतो....😞
- कॉपीराइट © प्रीति 'अज्ञात'
ReplyDeleteजी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(२२-०२-२०२०) को 'शिव शंभु' (चर्चा अंक-३६१९) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
अरे वाह हमें तो समझ आ गयी बहुत प्यारी रचना है प्रीति जी।
ReplyDeleteबहुत खूब ,सुंदर सृजन ,सादर नमन
ReplyDeleteसबकुछ आँखो के सामने ही बदल गया कुछ पता ही नहीं चला कब ये स्वार्थी युग आ गया
ReplyDeleteचैये पैसा, पर काम न कत्त
पढ़ें न लिक्खें, हाथ में लट्ठ
देस का नाम तो है गओ सट्ट
जे का है गओ?
मोए का पतो.....
सुन्दर प्रस्तुति
हूबहू मुलाकात पधारे
सिगरे एक दिना रोवेंगे
ReplyDeleteका खावेंगे का पीवेंगे
छाती पीट पछाड़ें लेंगें
ओ दैया, फिर का होएगो?
मोए का पतो....
मोए का पतो.... वाह देसी भाषा मन को छू गई, बहुत सुंदर और सार्थक रचना 👌
Alright...
ReplyDeleteThis may sound really creepy, maybe even kind of "strange"
BUT what if you could just push "PLAY" and LISTEN to a short, "magical tone"...
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