मसरूफ़ियत की नुमाइशें
फिज़ूल सब फ़रमाइशें
तक़दीर के हाथों मिले
हर दर्द में बेहिसाब हूँ
ज़िंदगी की किताब हूँ....
कौन किससे कब मिले
सबके अलग हैं सिलसिले
नीयत छुपा ले ऐब सब
वो मुस्कुराता हिजाब हूँ
ज़िंदगी की किताब हूँ.....
ये दौर ही कुछ और है
गिरगिट यहाँ सिरमौर है
उम्र के माथे पर चढ़ती
ख्वाहिशों की खिजाब हूँ
ज़िंदगी की किताब हूँ.....
चाहे ग़म हो या ख़ुशी कहीं
मैं सबसे खुलके गले मिली
सुर्ख़ हँसी की चादर तान के
ओढ़ी गई नक़ाब हूँ
ज़िंदगी की किताब हूँ.....
--प्रीति 'अज्ञात'
फिज़ूल सब फ़रमाइशें
तक़दीर के हाथों मिले
हर दर्द में बेहिसाब हूँ
ज़िंदगी की किताब हूँ....
कौन किससे कब मिले
सबके अलग हैं सिलसिले
नीयत छुपा ले ऐब सब
वो मुस्कुराता हिजाब हूँ
ज़िंदगी की किताब हूँ.....
ये दौर ही कुछ और है
गिरगिट यहाँ सिरमौर है
उम्र के माथे पर चढ़ती
ख्वाहिशों की खिजाब हूँ
ज़िंदगी की किताब हूँ.....
चाहे ग़म हो या ख़ुशी कहीं
मैं सबसे खुलके गले मिली
सुर्ख़ हँसी की चादर तान के
ओढ़ी गई नक़ाब हूँ
ज़िंदगी की किताब हूँ.....
--प्रीति 'अज्ञात'