वे समझते हैं
खुद को सेलिब्रिटी
बड़े हो गए
तो आप जरा अदब से मिलें
करें दुआ- सलाम रोजाना
देखें उनकी ओर
कृपादृष्टि बरसने की उम्मीद लिए
एक पल को तो लगेंगे ये
बेहद अहंकारी, कुंठित
पर लेना जायजा कभी
इनके आसपास की भीड़ का
पाओगे कुछ को
रोज मजमा लगाने वाले
मदारी की तरह
और कुछ की हालत से
पसीजेगा ह्रदय
जब देखोगे इन्हें
किसी और के आगे-पीछे
हाथ बाँधे खड़े हुए
बोरिंग पासिंग गेम की तरह
बड़े-छोटे समझने का यह भ्रम
सृष्टि में सदियों से है जारी
आगे भी रहेगा
भटकती सभ्यता और
आखिरी मानव की
आखिरी साँसों के
बीत जाने तक
अब ये तुम पर है
कि ज़िंदगी की शतरंज में
स्वयं को कहाँ खड़ा
करना चाहोगे
बस डूबते सूरज को
ध्यान में रखना!
- प्रीति 'अज्ञात'
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " हिन्दी Vs English - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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